स्वनामधन्य श्री सद्गुरु सिद्धराज माणिकप्रभु महाराज ने माणिकनगर में खेल की जो विविध गतिविधियॉं प्रारंभ की थी उसके परिणामस्वरूप आज माणिकनगर इस प्रांत का एक महत्वपूर्ण क्रीडा केंद्र बन चुका है। सन्‌ १९६२ में श्रीमाणिकप्रभु क्रीडा मंडल की स्थापना करके महाराजश्री ने इस प्रांत को पहली बार क्रिकेट के खेल से परिचित कराया। उन्होंने वॉलीबॉल, खोखो और कब्बडी के अनेक बड़ी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। महाराजश्री के नेतृत्त्व में माणिकनगर में प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर भव्य क्रिकेट का टूर्नामेंट आयोजित होता था जिसमें वे स्वयं खेला करते थे। खेतों में हसिया और फावड़ा चलाने वाले ग्रामीण युवाओं के हाथों में बल्ला थमाकर उनकी प्रतिभा का जो परिचय श्रीजी ने दुनिया को दिया उसको आज हम चमत्कार ही कह सकते हैं। इस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए और इसे देखने के लिए दूर-दूर से क्रीडाप्रेमी माणिकनगर आते थे। अधिक से अधिक युवाओं को मैदान में लाकर उनकी प्रतिभानुसार किसी न किसी खेल से उन्हें श्रीजी ने जोड़ा और इस प्रांत में खेल की संस्कृति को बढ़ावा दिया। श्रीजी का मानना था कि समाज को आपस में जोड़कर रखने का और एकता बढ़ाने का यदि सबसे अच्छा कोई माध्यम है तो वह खेल ही है। इसलिए, समाज में समन्वय स्थापित करने का जो कार्य प्रभु ने २०० वर्षों पूर्व आरंभ किया था उसी कार्य का ब्रह्मलीन महाराजश्री ने खेल के माध्यम से  विस्तार किया। श्रीजी के इस दिव्य प्रयास के फलस्वरूप आज माणिकनगर का नाम खेल की दुनियॉं में अत्यंत आदर से लिया जाता है। आज इस प्रांत के लगभग सभी क्रीडाप्रेमी का यह स्वप्न होता है, कि वह कम से कम एक बार तो माणिकनगर के मैदान पर खेले।

खेल के संवंर्धन की दिशा में माणिकनगर में गत ६० वर्षों से जो कार्य हुआ है उससे प्रभावित होकर कर्नाटक सरकार ने इस वर्ष का क्रीडा पोषक पुरस्कार माणिक स्पोर्ट्‌स एकॅडेमी को दिया है। सोमवार २ नवंबर को कर्नाटक राज्योत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बेंगलूरू में माननीय मुख्य मंत्री की उपस्थिति में क्रीडा मंत्री श्री सी.टी रवि जी  ने श्री आनंदराज जी को ‘क्रीडा पोषक’ पुरस्कार से सन्मानित किया। यह हब सब के लिए अत्यंत हर्ष और गौरव का विषय है, कि माणिकनगर के क्रीडा प्रकल्पों की सराहना आज राज्य स्तर हुई है। हम इस अवसर पर श्रीजी के दिव्य कार्य का स्मरण करते हुए उन्हें कृतज्ञता पूर्वक नमन करते हैं। श्री आनंदराज जी के नेतृत्व में क्रीडा के क्षेत्र में आज जो कार्य यहॉं चल रहा है वह अत्यंत प्रशंसनीय है और इस नूतन उपलब्धि के लिए हम उनका हार्दिक अभिनंदन करते हैं। हम श्रीमाणिकप्रभु क्रीडा मंडल के सभी वरिष्ठ सदस्यों का तथा वर्तमान खिलाडियों का भी अभिनंदन करते हैं।

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