भक्तापत्कुलनाशकं गुरुपदे मग्नं स्वबोधामृतैः
ज्ञानानन्दकरं निजाश्रितनृणां विद्यान्नसन्तर्पिणम्।
दीनार्तेषु कृपाकरं ह्यभयदं श्रीसिद्धराजं गुरुं
माणिक्यप्रभुमाश्रयामि परमं शं नो भवेत्सर्वदा ।।

श्री सद्गुरु सिद्धराज माणिकप्रभु महाराज की ८२वीं जयंती के अवसर पर आज शाम महा आरती का आयोजन हुआ। माणिकनगर के ग्रामवासियों सहित यहॉं की शैक्षणिक संस्थाओं के सभी विद्यार्थी तथा भक्तजन आरती के कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। आरती के पश्चात सभी भक्तजनों को महाप्रसाद वितरित किया गया। जयंती के इस पावन पर्व पर हम सभी सद्भक्तों की ओर से महाराजश्री के चरणों में सादर नमन अर्पित करते हैं।

 

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