दिनांक ८ फरवरी को श्रीजी का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण चिकित्सकों की सलह से उनका कोविड टेस्ट किया गया जिसमें पता लगा कि, श्रीजी की अस्वस्थता कोविड के ही कारण है। चिकित्सकों की सलाह के अनुसार दिनांक १२ फरवरी को श्रीजी को हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में एड्मिट किया गया। वहॉं के तज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में श्रीजी का इलाज आरंभ हुआ। श्रीप्रभु की असीम अनुकंपा से और यशोदा अस्पताल के कुशल चिकित्सकों के सफल प्रयत्नों के कारण दिनांक २२ फरवरी को श्रीजी पूरी तरह से ठीक होकर पुनः माणिकनगर पधारे।

अब श्रीजी की तबियत में बहुत सुधार है और कुछ दिनों की विश्रांति लेकर वे जल्द ही पूरी तरह से स्वस्थ एवं कार्यप्रवण होंगे ऐसा हमारा विश्वास है। यशोदा अस्पताल के उन सभी चिकित्सकों का एवं कर्मचारियों का हम अभिनंदन करते हैं जिन्होंने अत्यंत दक्षता से श्रीजी का इलाज किया और अपनी अत्यंत बहुमूल्य सेवा श्रीचरणों में समर्पित की। भक्त परिवार में ऐसे अनेक चिकित्सक हैं जिनका सतत सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें श्रीजी के इलाज के दौरान प्राप्त हुआ, हम उनका भी साभार अभिनंदन करते हैं। हम श्रीसंस्थान की ओर से उन समस्त भक्तजनों को धन्यवाद समर्पित करते हैं जिन्होंने श्रीजी के अस्वस्थ होने का समाचार मिलने के बाद से उनके आरोग्य के लिए विविध प्रकार के जप एवं अनुष्ठान संपन्न किए। भक्तजनों की प्रार्थनाओं का यह परिणाम है, कि कम समय में ही श्रीजी की तबियत में सुधार हुआ और उनकी चिकित्सा अत्यंत सफलरीति से पूर्ण हुई।

अगले १५ दिनों के लिए श्रीजी अपने दैनंदिन कार्यों को आरंभ न करते हुए पूरी तरह से आरम करें ऐसी सलाह चिकित्सकों ने उन्हें दी है। हम जानते हैं, कि अनेक प्रभुभक्त आज श्रीजी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और माणिकनगर आकर उनके दर्शन लेने को आतुर हैं परंतु वर्तमान परिस्थिति में यह संभव नहीं है। चिकित्सकों की सलाह को ध्यान में रखते हुए हम सभी भक्तजनों से अनुरोध करना चाहते हैं, कि जिन्हें श्रीजी के दर्शन लेने हों वे दिनांक ११ मार्च के बाद ही माणिकनगर पधारें। हम श्रीचरणों में प्रार्थना करते हैं, कि सभी भक्तजन स्वस्थ एवं सुरक्षित रहें – जय गुरु माणिक।

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